और कुछ बाकी भी है क्या, दरिंदगी की हद पार करने को ! और कुछ बाकी भी है क्या, दरिंदगी की हद पार करने को !
रसायनों के प्रयोग से छीन लो पौरुषत्व, मैं बस देना चाहूँगा, सब को यही सलाह ! रसायनों के प्रयोग से छीन लो पौरुषत्व, मैं बस देना चाहूँगा, सब को यही सलाह !
मां....... मां........ तू सुन रही है ना मां? यहां वहां मत ढूंढ मुझे। मां....... मां........ तू सुन रही है ना मां? यहां वहां मत ढूंढ मुझे।
कैसे ना भरोसा उठे उसका फ़ितरत-ऐ-इन्सान से, सभी फूल चुरा ले गया हो कोई जिस गुलिस्तान से।................. कैसे ना भरोसा उठे उसका फ़ितरत-ऐ-इन्सान से, सभी फूल चुरा ले गया हो कोई जिस गुलिस्त...
गूंजती है आज भी फिज़ा में हजारों सिसकियां, घुट घुट कर तड़पती है इस समाज में बेटियां! गूंजती है आज भी फिज़ा में हजारों सिसकियां, घुट घुट कर तड़पती है इस समाज में ...
कराहती हुई रूह को सहलाते हैं खुदा करेगा इन्साफ ये समझाते हैं कराहती हुई रूह को सहलाते हैं खुदा करेगा इन्साफ ये समझाते हैं